राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Apr 3 2025 7:40PM वक्फ संशोधन विधेयक अल्पसंख्यकों के मामलों में हस्तक्षेप है : अधिवक्ता धामीअमृतसर, 03 अप्रैल (वार्ता) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा में पेश वक्फ संशोधन विधेयक अल्पसंख्यकों से जुड़े मामलों में केंद्र सरकार का सीधा हस्तक्षेप है। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह संशोधन विधेयक संबंधित पक्षों को विश्वास में लिए बिना लाया गया है, जिससे बड़ा विवाद पैदा हो गया है। ऐसा लगता है कि सरकार की मंशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों को खत्म कर अपनी मर्जी से प्रशासन चलाने की है। एसजीपीसी हमेशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के पक्ष में रही है और वह अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों के खिलाफ लिए गए किसी भी फैसले का विरोध करती है। एडवोकेट धामी ने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों को दबाने की अपनी नीति के तहत पहले देश में समान नागरिक संहिता लेकर आई थी, जो विभिन्न समुदायों और धर्मों के पर्सनल लॉ और धार्मिक मान्यताओं में सीधा हस्तक्षेप था। इसी प्रकार सेना में सीधी भर्ती के स्थान पर अग्निवीर जैसे निर्णयों के माध्यम से अल्पसंख्यकों के आरक्षित अधिकारों को छीनने का प्रयास किया गया। सेना में सिख सैनिकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने का सरकारी नियम भी इसी नीति का हिस्सा था, जिसका व्यापक विरोध हुआ था। एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को अल्पसंख्यक समुदायों से परामर्श किए बिना उनसे संबंधित मामलों में किसी भी तरह से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अल्पसंख्यक समुदायों को अपनी विरासत और धार्मिक संस्थाओं की सुरक्षा का पूरा अधिकार है और वक्फ संशोधन विधेयक जैसे कानून इस अधिकार को कमजोर करने का प्रयास हैं। इससे समुदाय के अधिकार और चिंताएं प्रभावित होंगी। उन्होंने जोर दिया कि अल्पसंख्यकों से जुड़े मामलों में सरकार की ऐसी नीति ठीक नहीं है। सरकार को यह विधेयक वापस लेना चाहिए और अल्पसंख्यक प्रतिनिधियों से परामर्श किए बिना ऐसा कोई भी निर्णय लेने से बचना चाहिए। ठाकुर अशोकवार्ता