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वायुयान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक, 2025 लोक सभा में पारित

वायुयान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक, 2025 लोक सभा में पारित

नयी दिल्ली, 03 अप्रैल (वार्ता) लोकसभा में गुरुवार को वायुयान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक, 2025 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

इससे पहले इस विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि इस विधेयक को लाने का मकसद विमानों की उपलब्धता बढ़ाना है। विमानन कंपनियों ने 1700 विमानों के लिये आर्डर दे रखा है लेकिन प्रति माह पांच या छह विमान ही आ पा रहे हैं, अत: लीज पर विमान लेने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि विमान यात्रा आम आदमी के लिये भी उपलब्ध हों, सरकार इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है। सरकार हवाईअड्डाें की संख्या निरंतर बढ़ा रही है। उड़ान योजना के तहत 88 हवाईअड्डे विकसित किये गये हैं और अगले 10 वर्षों तक उड़ान योजना चलती रहेगी, जिससे और हवाईअड्डे बनाये जा सकेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों में भी हवाईअड्डे बनाये जायेंगे।

श्री नायडू ने कहा कि देश के हर क्षेत्र से हवाईअड्डे बनाने की मांग आ रही है। इससे स्पष्ट है कि विमाानन क्षेत्र किस तरह आगे बढ़ रहा है। सबको मिलकर इस क्षेत्र को आगे बढ़ाते रहना है। उन्होंने कहा कि पायलटों की कमी को दूर करने के भी प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र की तरक्की से रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। एक हवाईअड्डा बनने से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। अकेले हैदराबाद हवाईअड्डे से ही आठ लाख लोगों को रोजगार मिलता है।

श्री नायडू ने भारतीय जनता पार्टी के निशिकांत दुबे के स्पष्टीकरण मांगे जाने पर कहा कि एयर फ्यूल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का प्रस्ताव जीएसटी परिषद में पारित नहीं हो सका था।

श्री नायडू के जवाब के बाद पीठासीन अधिकारी कृष्ण प्रसाद तेन्नटी के विधेयक को खंडवार मतदान के लिये रखा और सदन ने विधेयक को ध्वनिमत मत से पारित कर दिया।

श्रवण.अभय

वार्ता

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