राज्यPosted at: Mar 28 2025 1:12PM विकसित भारत के लक्ष्य के लिए प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विधा का संयोजन जरूरी : यादव

भोपाल, 28 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में आवश्यक है कि प्राचीन ज्ञान और आधुनिक नेतृत्व-विधाओं को संयोजित कर उपयोग किया जाए।
डॉ यादव राज्यपाल मंगुभाई पटेल की उपस्थिति में राजभवन में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि चिंतन पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला “कर्मयोगी बनें” को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में आवश्यक है कि प्राचीन ज्ञान और आधुनिक नेतृत्व-विधाओं को संयोजित कर उपयोग किया जाए, साथ ही शैक्षणिक संस्थानों में कर्मयोग के सिद्धांतों का समावेश कर सकारात्मक बदलाव लाना होगा। इस उद्देश्य की प्राप्ति में यह कार्यशाला अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे कार्यशाला में उपस्थित मध्यप्रदेश के सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के कुलगुरु एवं कुलसचिव, पीएम एक्सीलेंस और स्वशासी कॉलेज के प्राचार्य सहित विभिन्न संकायों के प्राध्यापकों का अभिनंदन करते हैं।
कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने कर्मयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कर्मयोगी बनने के लिए नि:स्वार्थ सेवा भाव और कर्तव्यपरायणता आवश्यक है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दी गई 'कर्मवाद' की शिक्षा हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गरिमा
वार्ता