राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Apr 7 2025 4:25PM ‘नायक’ चेन्दरु के परिजन ‘आशियाने’ के लिए दर-दर भटकने काे विवशजगदलपुर 07 अप्रैल (वार्ता) छत्तीसगढ़ का ‘मोगली’ व बस्तर का ‘टाइगर ब्वॉय’ के नाम से जाना जाने वाला नारायणपुर का चेंदरु मंडावी किसी परिचय का मोहताज नहीं है। चेंदरु महज 10 वर्ष की उम्र में 1957 में रिलीज हुई स्वीडिश फिल्म ‘एन द जंगल सागा’ में बतौर मुख्य भूमिका निभाते हुए ना केवल अंतरराष्ट्रीय फिल्म का नायक बना बल्कि बाघों और तेंदुओं के बीच रहकर मानवता का परिचय भी दिया था। पर आज सच्चाई यह है कि उसकी पत्नी व बेटा-बेटी एक अदद मकान के लिए दर-दर ठोकरे खाने को विवश हैं। स्वीडन के ऑस्कर विनर फिल्म डायरेक्टर आर्ने सक्सडॉर्फ ने यह फिल्म बनाई थी। इस फिल्म को अंग्रेजी में ‘दि फ्लूट एंड दि एरो’ के नाम से जारी किया गया। इस फिल्म में 10 साल के मुरिया जनजाति का यह लड़का बस्तर क्षेत्र के नारायणपुर जिले के गढ़बेंगाल गांव का रहने वाला था। उसने बाघों व तेंदुओं के साथ काम किया था और उसकी मजदूरी थी महज रोज के दो रुपए। विस्तृत समाचार के लिए हमारी सेवाएं लें।.