नयी दिल्ली ,28 जुलाई (वार्ता) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि देश में हेपटाइटिस बहुत ही आम और गंभीर बीमारी है लेकिन आम लोग और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता इसके बारे में बहुत ही कम जानकारी रखते हैं इसीलिए इसके विषय में जागरुकता फैलानी बहतु आवश्यक है।
डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व हेपटाइटिस दिवस पर मंगलवार को यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज) एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा आयोजित 'एम्पैथी कॉन्क्लेव 2020' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हेपटाइटिस बी और हेपटाइटिस सी के संक्रमण के शिकार व्यसक्तियों में लीवर कैंसर तथा लीवर की अन्य गंभीर बीमारियां होने का अधिक खतरा रहता है। इसके बावजूद हेपटाइटिस से संक्रमित करीब 80 प्रतिशत लोगों को यह जानकरी ही नहीं होती कि वे संक्रमित हैं।
उन्होंने कहा,‘‘ हेपटाइटिस के बारे में जागरुकता फैलाना और सामुदायिक स्तर पर लोगों को इससे अवगत करना जरुरी है। इसका एक ही मंत्र है ‘ टॉक , टेस्ट एंड ट्रीट’ यानी बात करें, जांच करें और उपचार करें। मैं उद्योग जगत, गैर सरकारी संगठनों तथा अन्य प्रतिभागियों से अपील करता हूं कि वे इस जागरुकता अभियान में आईएलबीएस की मदद करें। मैं अपने सहयोगियों से अपील करता हूं कि वे
इसके चैंपियन और एंबेसडर बनकर इस ‘मौन महामारी’ हेपटाइटिस बी और हेपटाइटिस सी के प्रति जागरुकता फैलाने में सहयोग करें और इस बीमारी से जुड़े दुराग्रहों को खत्म करने में मदद करें।”
स्वास्थ्य मंत्री ने आईएलबीएस के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि आईएलबीएस विश्व स्वास्थ्य संगठन का सहयोगी केंद्र भी है। इसने नेशनल वायरल हेपटाइटिस प्रोग्राम के विकास में भी मदद की थी, जिसे 28 जून 2018 को लांच किया गया था। यह हेपटाइटिस बी और हेपटाइटिस सी की जांच और उसके उपचार से संबंधित दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।
अर्चना जितेन्द्र
वार्ता