नयी दिल्ली 07 अप्रैल (वार्ता) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने कहा है कि वक्फ विधेयक एक ऐसी जमीन तैयार करेगा जिससे दंगा मुक्त हिंदुस्तान निकलेगा और इससे मुस्लिम समाज को कांग्रेस तथा इंडी गठबंधन से मुक्ति मिलेगी।
श्री कुमार ने सोमवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से यहां के सत्याग्रह मडंप, गांधी स्मृति, राजघाट में आयोजित ईद मिलन समारोह के मौके पर कहा कि यह विधेयक सचमुच वक्फ को माफिया से मुक्ति दिलाएगा। मुसलमान जिसे वोट बैंक की खातिर डराकर रखा जाता था, उसे खुद्दार होने का समय है, उससे उन्हें मुक्ति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अब तक मुस्लिम समाज को कांग्रेस और इंडी समूह ने गुलाम बना रखा था उससे मुक्ति मिलेगी। वक्फ की सम्पत्ति के प्रति ईमानदारी हो, बेईमानी न हो उसके लिए यह विधेयक अहम है। यह चंद पार्टी और नेताओं की गुलामी से भी मुक्ति का दिन है। श्री कुमार ने कहा कि मजहब के नाम पर जो मुल्क को लड़ाते, बंटवाते और भड़काते रहते हैं उनसे भी मुक्ति का दिन है। उन्होंने कहा, 'मजहब के दंगे मिटाने हैं तो यह विधेयक उस जमीन को तैयार करेगा कि दंगा मुक्त हिंदुस्तान उसमें से निकलेगा। इसलिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने वक्फ विधेयक और संशोधनों को लेकर देशभर में पूरजोर तरीके से बातें कही थीं। उनमें से बहुत सी बातें स्वीकार होकर विधेयक पारित हुआ है।'
उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि वक्फ पर कब्जा हो जाएंगा, वे झूठ बोलते हैं। जो लोग कहते हैं इस्लाम के लिए बड़ा खतरा है, इस्लाम मिटा दिया जाएगा, वो झूठ बोलते हैं। जो लोग कहते हैं कि इसके कारण आम मुस्लमान का वजूद खतरे में हैं, वो भी झूठ बोलते हैं। उन्होंने कहा, 'हजारों मुसलमान इस जश्न मनाने के लिए आये थे ये सचमुच में सच्ची ईद है, जब वक्फ को आजादी मिली हैं और मुसलमानों पर भी रहमत बरसी है, उसको भी आजादी मिली है। वो खुद्दार बनकर उभरे हैं।'
श्री कुमार ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम फसाद खत्म होने के लिए एक नींव पड़ी है। इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि क्या हिंदुस्तान हिंदू-मुस्लिम दंगों में फंसा रहना चाहिए या हिंदू-मुस्लिम दंगों से मुक्त होकर कसून से तालिम और तरक्कीवाल मुल्क बनाना चाहिए।
जो लोग बेरोजगारी की और महंगाई की बातें करते हैं, उनसे कहूंगा कि वो इस विधेयक के साथ खड़े हो ताकि यह मुल्क अपनी बेरोजगारी और अनपढ़ता से मुकाबला करके तेज गति से आगे बढ़े और सदा-सदा के लिए दंगों से मुक्त हो जाए।
संतोष , जांगिड़
वार्ता