मास्को, 05 अप्रैल (वार्ता) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी ने यहाँ कहा कि परंपराएं बंधन नहीं हैं, वे पंख हैं, जो हमें एक ऐसे भविष्य की ओर ले जाती हैं, जो हमारी जड़ों से जुड़ा है।
डॉ जोशी ने रूस की राजधानी मास्को में आयोजित कार्यक्रम ‘जनसांख्यिकी: परंपराएँ और औद्योगीकरण’ के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
डॉ जोशी ने कहा,“वैश्विक चुनौतियों का हल केवल आर्थिक नहीं, सांस्कृतिक समझ और सहयोग से भी संभव है। भविष्य उसी का है, जो अपनी जड़ों से ताकत लेकर समय के साथ चलना जानता है।”
डॉ जोशी ने कहा कि वैश्विक सहयोग केवल तकनीकी या व्यापारिक स्तर पर नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और मानवीय स्तर पर भी आवश्यक है।
इस मौके पर अलग- अलग देशों से आये विचारकों, नेताओं और विशेषज्ञों ने सांस्कृतिक पहचान, औद्योगिक विकास तथा जनसंख्या परिवर्तन सहित अन्य विषयों पर विचार व्यक्त किये।
श्रद्धा.संजय
वार्ता