ताशकंद 07 अप्रैल (वार्ता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं और दोनों देश एससीओ, संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स जैसे विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर एक दूसरे के सहयोगी रहे हैं ।
उन्होंने पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, नवीकरणीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।
श्री बिरला ने आज अंतर-संसदीय संघ की 150वीं सभा के अवसर पर ताशकंद में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जीयोयेव के साथ हुई बैठक में ये टिप्पणियां कीं।
उन्होंने भारत की प्राचीन लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान के मार्गदर्शन में भारत ने निरंतर अपने लोकतांत्रिक मूल्यों का विस्तार किया है और सामाजिक समावेशन को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी ग्राम परिषदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित कर जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया है।
श्री बिरला ने यह भी कहा कि भारत 'वसुधैव कुटुम्बकम' (विश्व एक परिवार है) और 'सर्वजन हिताय' (सभी का कल्याण) के मूल्यों में विश्वास करता है और ये मूल्य भारतीय परंपरा का अटूट हिस्सा रहे हैं । भारत का संविधान भी इन्हीं मूल्यों से प्रेरित है। इस बात का उल्लेख करते हुए कि पिछले वर्ष भारत में संविधान के 75 वर्ष पूरे हुए हैं श्री बिरला ने कहा कि भारत की संसद द्वारा पारित कई परिवर्तनकारी क़ानूनों ने सामाजिक-आर्थिक बदलावों को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इस संबंध में श्री बिरला ने बताया कि नए संसद भवन में पहले कानून के रूप में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' लाकर भारत ने न केवल अपनी प्रतिबद्धता दोहराई बल्कि विधानमंडलों में महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया।
उन्होंने भारत-उज्बेकिस्तान संबंधों का उन्नयन कर इसे रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिए जाने और बीते कुछ वर्षों में इसमें नए आयाम जोड़े जाने के बारे में बात करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों में अर्थव्यवस्था, रक्षा, शिक्षा तथा व्यापार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत अब उज्बेकिस्तान के 10 सबसे बड़े व्यापार सहयोगियों में से एक है।
श्री बिरला ने साझा हितों पर विचारों के आदान-प्रदान तथा दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों संसदों के बीच संसदीय सहयोग बढ़ाने के महत्व पर भी बात की। उन्होंने दोनों देशों के संसदीय अधिकारियों को एक-दूसरे की प्रणालियों तथा सर्वोत्तम प्रथाओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए संसदीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा।
इसके अलावा श्री बिरला ने उज्बेकिस्तान में भारतीय संस्कृति, विशेष रूप से संगीत, नृत्य तथा योग में बढ़ती रुचि तथा उज्बेक शैक्षणिक संस्थानों में भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या की बात भी की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस बैठक से भारत तथा उज्बेकिस्तान के बीच राजनयिक तथा संसदीय संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होगा और दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग का नया अध्याय लिखा जाएगा ।
श्री बिरला और भारतीय शिष्टमंडल के सदस्यों ने ताशकंद में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
कल ताशकंद में लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने इजरायल की नेसेट (संसद) के अध्यक्ष अमीर ओहाना के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस अवसर पर श्री बिरला ने अप्रैल 2023 में नई दिल्ली में अपनी पिछली बैठक की सुखद स्मृतियों का उल्लेख करते हुए इजरायल के विकास में श्री ओहाना के असाधारण योगदान की सराहना की। उन्होंने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और आकांक्षाओं पर आधारित भारत और इजरायल की दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों ने नेताओं की उच्च स्तरीय बैठकों तथा प्रौद्योगिकी, कृषि और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से अपने संबंधों को मजबूत किया है।
उन्होंने भारत और इजरायल के संसदीय मैत्री समूह की स्थापना की सराहना की और इसे संसदीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
भारत की संसद के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि इस संस्थान के विश्वस्तरीय कार्यक्रमों से पूरी दुनिया के सांसद और अधिकारी लाभान्वित हुए हैं ।
श्री बिरला ने अंतर संसदीय संघ की 150वीं सभा के अवसर पर ताशकंद में उज्बेकिस्तान की ओली मजलिस की चेयरपर्सन सुश्री तंजिला नोरबायेवा से भी मुलाकात की। उन्होंने चेयरपर्सन को सभा की सफल मेजबानी के लिए बधाई देते हुए भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के आदर-सत्कार के लिए आभार व्यक्त किया।
जांगिड़
वार्ता